शेयर बाजार में इस कारोबारी हफ्ते की बेहद कमजोर शुरुआत हुई है. कमजोर शुरुआत के बाद बाजार में गिरावट लगातार बढ़ती जा रही. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 71,882 और निफ्टी 21,828 तक फिसले.
बाजार की इस गिरावट में सबसे आगे मिड और स्मॉलकैप सेक्टर के शेयर हैं. NSE पर दोनों इंडेक्स 1-2% तक फिसल गए हैं. जबकि India VIX 14% तक उछल गया है. बाजार में पिछले 11 में से 8 दिन बिकवाली हुई है. बाजार के लिए सबसे ट्रिगर्स में से एक लोकसभा चुनाव है. FIIs का स्टांस भी घरेलू मार्केट के लिए बदला है.
शेयर बाजार में तेज गिरावट
शेयर बाजार के तेज करेक्शन में ऑटो और सरकारी बैंकिंग सेक्टर खासकर फोकस में हैं. दोनों ही सेक्टर में तेज बिकवाली है. NSE पर निफ्टी ऑटो और PSU बैंक इंडेक्स 2-3% तक फिसल गए हैं. मेटल और मीडिया शेयरों में भी तेज करेक्शन देकने को मिल रहा है. ऑयल एंड गैस सेक्टोरल इंडेक्स भी करीब 2.5% तक फिसल गया है. तेज गिरावट के चलते BSE पर लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 391.80 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है. 292 शेयरों में लोअर सर्किट लग गया है.
निफ्टी के टॉप लूजर्स
निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली टाटा मोटर्स के शेयर में है. शेयर करीब 9% तक फिसल गया है. BPCL भी 4 फीसदी से ज्यादा टूटकर कारोबार कर रहा है. कोल इंडिया, हीरो मोटो कॉर्प और ONGC 2-2% से ज्यादा टूट गए हैं. सेंसेक्स में तो 30 में से 25 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं.
शेयर बाजार पर एक्सपर्ट की राय
Geojit Financial Service के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ वीके वियजकुमार ने कहा कि मई में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट की बिकवाली से कन्फ्यूजन की स्थिति बन गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आम चुनाव में NDA/BJP को नुकसान होगा, संभवत: यही वजह है कि FPI की बिकवाली भी इसी वजह से है. लेकिन सबसे अहम बात ये है कि FPI का स्टांस भारतीय शेयर बाजार के लिए बदला है.
चीन की ओर बढ़े FPIs
मार्केट एक्सपर्ट ने कहा कि विदेशी निवेशक अब भारत में बेचो और चीन में खरीदो वाले स्ट्रैटेजी पर काम कर रहे, जोकि पहले चीन में बेचो और भारत में खरीदों का था. क्योंकि चीन के शंघाई कंपोजिट्स और हॉन्गकॉन्ग के हेंगसेंग ने भारतीय बाजारों को आउटपरफॉर्म किया है. पिछले एक महीने में शंघाई कंपोजिट्स ने 3.96%, हेंगसेंग ने 10.93% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है. जबकि भारतीय बाजार करीब 2% टूट गए हैं. इसके अलावा चीन और भारतीय बाजारों में सस्ते वैल्युएशन का भी ट्रिगर है.
वैल्युएशन बड़ा ट्रिगर
उन्होंने कहा कि नियर टर्म के लिए के लिए चीन और भारत में वैल्युएशन बड़ा ट्रिगर है. चीन के स्टॉक्स भारतीय शेयरों के मुकाबले सस्ते वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहे हैं. हालांकि, लॉन्ग टर्म के लिए अभी भी भारत स्वीट स्पॉट बना हुआ है. ऑटो सेक्टर के नतीजे भी दमदार रहे हैं. फिलहाल ये सेक्टर साइक्लिकल अपट्रेंड में है. बता दें कि मई में अब तक FPIs ने 17000 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की है.