एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को उम्रकैद, फर्जी मुठभेड़ के मामले में 14 लोगों को सजा

देश के नामी एनकाउंटर स्पेशलनिस्ट प्रदीप शर्मा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रदीप को रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के फर्जी एनकाउंटर के मामले में यह सजा सुनाई गई है।

लखन भैया छोटा राजन गैंग का मेंबर था। उसका एनकाउंटर मुंबई के ही वर्सोवा में नवंबर 2006 में हुआ था। इस एनकाउंटर को जांच में फर्जी पाया गया था। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी की डिविजन बेंच ने 13 अन्य लोगों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा, जो निचली अदालत ने सुनाई थी। इनमें से एक प्रदीप सूर्यवंशी भी हैं, उन्हें भी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर ख्याती प्राप्त रही है।

इन लोगों पर आरोप था कि इन्होंने लखन भैया को नवी मुंबई के वाशी इलाके से किडनैप किया था। लखन के एक दोस्त अनिल भेड़ा को भी पकड़ा गया था। इस मामले में अदालत ने 6 आरोपियों को बरी कर दिया है, जबकि दो लोगों के खिलाफ केस ही बंद हो गया है। इन लोगों की उच्च न्यायालय में अपील दाखिल होने के बीच ही मौत हो गई। 12 जुलाई 2013 को मुंबई की सेशंस कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को इस मामले में बरी कर दिया था। लेकिन प्रदीप सूर्यवंशी समेत अन्य लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

वकील राजीव चव्हाण के मुताबिक लखन भैया और उसके साथी अनिल भेड़ा को पुलिस ने उसके वाशी स्थित घर से उठा लिया था। इसके बाद उसे 11 नवंबर 2006 को एक फेक एनकाउंटर में मार डाला। इसके अलावा पुलिस ने दावा किया था कि लखन भैया छोटा राजन गैंग का मेंबर था। पुलिस का दावा था कि लखन भैया के खिलाफ उस दौरान हत्या, फिरौती और हत्या के प्रयास के कई मुकदमे दर्ज थे। इस मामले में लखन भैया के भाई रामप्रसाद गुप्ता ने बॉम्बे हाई कोर्ट ने अर्जी दाखिल की थी। इस पर अदालत ने फेक एनकाउंटर के आरोपों की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया था।

मामले की जांच के बाद मजिस्ट्रेट ने 11 अगस्त 2008 को रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में सामने आया था कि लखन भैया की हत्या पूरी प्लानिंग के साथ हुई थी। यह कोई एनकाउंटर नहीं था। इसके बाद हाई कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया और फेक एनकाउंटर के मामले की फिर से जांच हुई। इस विस्तृत जांच के बाद एसआईटी ने जो चार्जशीट दाखिल की, उसमें 22 लोगों को आरोपी बनाया गया। इन लोगों में एक शख्स जनार्दन भंगी भी शामिल था। कहा गया था कि लखन भैया के साथ उसका जमीन का कुछ विवाद था। इसके चलते उसने प्रदीप शर्मा और प्रदीप सूर्यवंशी को उसकी हत्या के लिए कॉन्ट्रेक्ट दिया था।

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