भगवान को याद रखना बड़ा सुख और उसे भुल जाना सबसे बड़ा दुख है – देवी राधा किशोरी

चिरकुंडा। जुनकुंदर ब्रह्मस्थान स्थित मंगल मूर्ति धाम के सात दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव में रविवार को तीसरे दिन श्री राम कथा के दौरान कथा प्रवक्ता देवी राधा किशोरी (हरिद्वार) ने कहा कि जीवन में भक्ति जरुरी है लेकिन भक्ति है क्या ? मंदिर में पूजा, वंदना, अराधना, दो-चार माला जप लेना भक्ति नहीं है। भगवान को एक पल भी न भूलना और भाव बनाकर रखना ही भक्ति है। भगवान को याद रखना बड़ा सुख और उसे भूल जाना सबसे बड़ा दुख है। भूलना ही बड़ा मूर्ख है। बच्चों को कथा में जरुर लाएं। कथा से काम नहीं राम से प्यार हो जाएगा। कहा कि कोई भी बच्चा प्रहलाद जैसे भक्त बनना नहीं चाहता है। सिर्फ हीरो- हिरोइन बनना चाहता है। बच्चों को भगवत गीता दें। हनुमान चालीसा पढ़ाएं। जो राम के लिए दुनिया के लिए भूल जाता है। उसे बैकुंठ जाने से कोई रोक नहीं सकता है। भगवान पर विश्वास जरुरी है। आधे अधूरे जानोगे तो भटकते रहोगे। जिसे विश्वास नहीं होता, वे संदेह करते हैं। माता सती को भगवान पर विश्वास नहीं था। सती ने ईश्वर की परीक्षा ली। कहा कि कथा पंडालों में दुष्टों का भी मान सम्मान बढ़ जाता है। स्थान का प्रभाव होता है। कहा कि मदिरालय, मूवी और जुआलय मानव को पतन की ओर ले जाता है। मोबाइल पर जुआ चल रहा है। कहा कि आज मूवी परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकते हैं। मुख्य यजमान के रुप में रुपेश चौहान और उसकी पत्नी रिंकू देवी थे। कथा के दौरान शिव विवाह भी हुआ। मौके पर ललन सिंह, अमन सिंह, गुड्डू सिंह, बबलू सिंह, संजय सिंह, गौतम दे, रिंटू पाठक, सुशील अग्रवाल, संदीप अग्रवाल, सोनू सिंह, रामप्रवेश, सुदामा आदि थे।

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