तृणमूल के लिए भी लोकसभा चुनाव में अहम मुद्दा होगा संदेशखाली, समझें कैसे

 

कोलकाता, 26 फरवरी । उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में महिलाओं से सालों तक तृणमूल नेता शेख शाहजहां और अन्य सहयोगियों के ओर से यौन उत्पीड़न और जमीन पर कब्जे की घटना भले ही विपक्षी भाजपा और अन्य दलों के लिए बड़ा मुद्दा हो। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस चिंतित नहीं है। इसकी वजह है कि पार्टी ने इसे अपने तरीके से लोकसभा चुनाव का मुद्दा बनाने का निर्णय लिया है। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने सोमवार को नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया है कि संदेशखाली में समस्याएं तो हैं। महिलाओं के साथ अत्याचार, उत्पीड़न, स्थानीय लोगों की जमीन कब्जा करने समेत अन्य गंभीर आरोप सामने आए हैं। पुलिस पर भी मदद नहीं करने के आरोपों को लेकर पार्टी थोड़ी असहज जरूर है लेकिन इससे बहुत अधिक चिंता वाली बात नहीं है। इसकी वजह है कि जैसे ही मामले सामने आए तृणमूल कांग्रेस ने अपने प्रतिनिधि मंडल को क्षेत्र में भेजा। राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस के नेतृत्व में पिछले तीन दिनों से पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने पूरे क्षेत्र में घूम-घूम कर लोगों की शिकायतें सुनी है। इसके अलावा प्रशासन के पास भी 1200 से अधिक शिकायतें जमा पड़ी हैं। अब ये निर्णय लिया गया है कि एक-एक शिकायत का निपटान त्वरित तरीके से किया जाएगा। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि जिन लोगों की भी जमीन जबरदस्ती चीनी गई है, या तो उनकी जमीन लौटाई जाएगी या वाजिब रुपये दिए जायेंगे। महिलाओं ने जिनके खिलाफ अपराध की शिकायतें की है, उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज हो रहे हैं और गिरफ्तारियां हो रही हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे गिरफ्तार लोगों को जेल से बाहर नहीं आने दिया जाए, इसके निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं भविष्य में ऐसे आपराधिक तत्व जो भले ही पार्टी से जुड़े हैं लेकिन लोगों को परेशान करते रहे हैं, उन्हें अहमियत ना मिले, इसके लिए भी स्थानीय नेतृत्व को निर्देश दिया गया है। अप्रैल महीने के मध्य तक जब देश में लोकसभा चुनाव अपने पूरे असबाब पर होगा तब तक संदेशखाली के लोगों की सारी समस्याएं दूर कर दी जाएंगी। इसलिए उस समय तृणमूल के खिलाफ लोगों के गुस्से को बहुत हद तक काबू कर लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सुजीत बोस ने भी रविवार को कहा था कि डेढ़ महीने के अंदर सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। यानी अप्रैल महीने के मध्य तक संदेशखाली से मिली तमाम शिकायतों का निपटाना होगा। बहुत हद तक संभव है कि इस समय सीमा के भीतर ही फरार तृणमूल नेता शेख शाहजहां को भी पुलिस गिरफ्तार करेगी। शाहजहां के प्रति ही लोगों का गुस्सा सबसे ज्यादा है।

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