कोलकाता ; पश्चिम बंगाल पुलिस ने अशांत संदेशखाली इलाके में एक बांगला पत्रकार को गिरफ्तार किया था। इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक टेलीविजन पत्रकार को जमानत दे दी है।
अदालत ने संदेशखाली पुलिस स्टेशन में संटू पान के खिलाफ दर्ज मामले में आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगाने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने बांग्ला के लिए काम करने वाले पत्रकार को उनकी याचिका पर जमानत दे दी। पुलिस ने संटू पान को सोमवार को संदेशखाली से गिरफ्तार किया। मंगलवार को उत्तर 24 परगना जिले की एक स्थानीय अदालत ने उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। संटू पान को एक महिला की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने उसके घर में अतिक्रमण किया था।
पत्नी ने लगाया था आरोप
इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संदेशखाली में बीते सोमवार को पत्रकार संटू पान की गिरफ्तारी की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे गैरकानूनी, मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन व प्रेस की आजादी पर प्रतिबंध करार दिया था।
एनएचआरसी ने बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर इस पर दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। इसके साथ ही डीजीपी (जांच) को फोन करके तथ्यों का पता करके एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा था। इसपर पत्रकार की पत्नी का कहना था कि वह उनतक पहुंच नहीं पा रही हैं। यह बंगाल में मीडिया का गला घोंटने का प्रयास है।