स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई पार्टी का किया गठन, 22 फरवरी को होगा ऐलान, अखिलेश की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नाराज चल रहे स्वामी प्रसाद मौर्य जल्द ही अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो 22 फरवरी को सपा के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं.

इस बीच सोशल मीडिया पर पार्टी का झंडा और नाम वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि उनकी पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) होगा. इस सम्बंध में 22 फरवरी को वह दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक रैली भी कर सकते हैं. तो वहीं इसको लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान सामने आ रहा है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वह आगे कदम बढ़ाने जा रहे हैं. इसको लेकर 22 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा. इसी के साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव के व्यवहार को लेकर भी नाराजगी जताई है.

समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “22 फरवरी को दिल्ली में कार्यकर्ताओं का समागम होगा और उसी दिन फैसला सुनाया जाएगा…जब संगठन में ही भेदभाव है, एक राष्ट्रीय महासचिव का हर बयान निजी हो जाता है. जब पद में ही भेदभाव है और मैं भेदभाव के खिलाफ ही लड़ाई लड़ता हूं तो ऐसे पद पर रहने का औचित्य क्या है? इसलिए सारे विवरण का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को 13 तारीख को इस्तीफे का पत्र भेजा था, उन्होंने बात करना मुनासिब नहीं समझा इसलिए मैं कदम आगे बढ़ा रहा हूं. अब कार्यकर्ता तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है.” इसी के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि “…उनकी सरकार न तो केंद्र में है और न ही प्रदेश में है, कुछ देने की हैसियत में नहीं हैं. उन्होंने जो भी दिया है वह मैं उन्हें सम्मान के साथ वापस कर दूंगा. मेरे लिए पद नहीं विचार मायने रखता है. अखिलेश यादव की कही हुई बात उन्हें मुबारक.”

बता दें कि 13 फरवरी को जब सपा के तीनों राज्यसभा उम्मीदवारों के अपना नामांकन भरा उसके कुछ घंटों बाद ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश से नाराजगी जताते हुए सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था. इस सम्बंध में मौर्य ने अखिलेश को एक लंबा चौड़ा पत्र भी लिखा था और पार्टी में उनकी अनदेखी का आरोप लगाया था. इसी के साथ ही उन्होंने पार्टी के अंदर उनके ख़िलाफ हो रही बयानबाज़ी को लेकर सवाल भी खड़े किए थे. स्वामी प्रसाद मौर्य के नई पार्टी गठन को लेकर सामने आई खबर पर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर मौर्य नई पार्टी की घोषणा करते हैं तो इससे सपा को नुकसान होगा. क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक सपा से अलग होकर उनके साथ आ सकते हैं, जो कि आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए सपा के लिए मुश्किल हो सकती है. मालूम हो कि, स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखी चिठ्ठी को लेकर कहा था कि वो लगातार पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पार्टी के कई नेता उनके ख़िलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं. इसी के साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि, जब एक राष्ट्रीय महासचिव कोई बयान देता है तो वो पार्टी का बयान होता है और कहा जाता है कि वो तो उनका निजी बयान था. हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफ़ा देने के बाद से ही उनके अगले कदम को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया था लेकिन वो इस यात्रा में शामिल नहीं हुए. तो वहीं अब उनके द्वारा नई पार्टी के गठन को लेकर तमाम खबरें सामने आ रही हैं.

कब लगाएंगे अंकुश

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि अब गेंद अखिलेश यादव के पाले में है. देखना होगा कि वो मेरे ख़िलाफ़ बोलने वालों पर अंकुश कब लगाएंगे और कब कार्रवाई करेंगे. वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफ़ा देने के बाद सपा की सहयोगी अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल भी उनके समर्थन में उतर आई हैं. पल्लवी पटेल ने खुलकर अखिलेश यादव की नीतियों का विरोध किया है. इसी के साथ ही सपा अध्यक्ष पर पीडीए की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा है कि मौर्य जैसे क़द के नेता के साथ ये व्यवहार ठीक नहीं है.

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