निराला से सीखिए सच कहने का साहस और सलीका : प्रो.संजय द्विवेदी

 

निराला व्याख्यान श्रृंखला के तहत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हुआ कार्यक्रम

झांसी,15 फरवरी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के हिंदी विभाग तथा पंडित दीनदयाल शोधपीठ द्वारा महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की स्मृति में आयोजित निराला व्याख्यान श्रृंखला में आज भारतीय जन संचार संस्थान(आईआईएमसी )के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि महाकवि निराला से हमें सच कहने का साहस और सलीका सीखना चाहिए।निराला की कविताएं आशा और विश्वास को जागृत करने का कार्य करती हैं। हर साहित्यकार और पत्रकार को निराला से सीखना चाहिए। निराला ने अपनी कविता के माध्यम से राम के व्यक्तित्व को जन जन तक पहुंचाया।उन्होंने भाषा पर जोर देते हुए कहा कि भाषा में हर भावना को व्यक्त करने का सामर्थ्य है। हिंदी भाषा ने खुद को समर्थ किया है। हिंदी आज पूरे विश्व में संवाद की भाषा बनने की राह पर है। जहां जहां हिंदी भाषी रहते हैं , यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह भाषा के राजदूत की तरह काम करें। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक सुंदर हिंदी विभाग है।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि निराला की कविताएं आपको साहित्य से जोड़ती है। अधर्म पर धर्म की जीत को साहित्य में स्थापित करने का काम निराला ने किया था। निराला की कविताएं व्यक्ति को अवसाद से निकलने में मदद कर सकती है। उनकी रचनाएं आशा और उम्मीद को जागृत करती हैं।निराला अपनी रचना राम की शक्ति पूजा के माध्यम से यह सिखाते हैं कि हर परिस्थिति में स्थिर कैसे रहा जाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि निराला बहु आयामी थे. उन्होंने हर क्षेत्र में अहम योगदान दिया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी भाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुन्ना तिवारी तथा आभार डॉक्टर अर्चना पांडे ने किया. कार्यक्रम में डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी, नवीन चंद्र पटेल, द्युति मालिनी, प्रेमलता श्रीवास्तव, सुधा दीक्षित, सुनीता वर्मा, पुनीत श्रीवास्तव, आकांक्षा सिंह, विजया समेत अनेक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?