डिजिटल भुगतानों पर लेनदेन शुल्क में छूट तथा डिजिटल पेमेंट प्रमोशन बोर्ड गठित करने की माँग की कैट ने

आसनसोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल पेमेंट को ज़्यादा से ज़्यादा करने के आह्वान तथा जी 20 द्वारा एमएसएमई सेक्टर को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ने के निर्णय को अमली जामा पहनाने की दृष्टि से कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने आज केंद्रीय आई टी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव तथा वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन से पुरज़ोर आग्रह किया है की भारत को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने तथा व्यापार द्वारा बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाने के लिए केंद्र सरकार को तुरंत एक डिजिटल पेमेंट प्रमोशन बोर्ड गठित करना चाहिए तथा डिजिटल भुगतान पर लेनदेन शुल्क को सरकार द्वारा सीधे बैंकों को सब्सिडी दी जाये जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर बैंक चार्ज का आर्थिक भार न पड़े। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने यह कहते हुए सरकार से यह भी आग्रह किया की नेशनल पेमेंट कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) को यूपीआई, भीम आदि को ही चलाना चाहिए और पेमेंट इंडस्ट्री को मॉनिटर तथा रेगुलेट करने के लिए पृथक रूप से एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाए ! उन्होंने यह भी कहा कि जब सरकार द्वारा नीति के रूप में अनेक क्षेत्रों में खुला नेटवर्क बनाया जा रहा है तो पेमेंट इंडस्ट्री को भी खुला नेटवर्क दिया जाना चाहिए ताकि उपयोगकर्ताओं को सर्वोत्तम सेवाएं मिल सके !

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुभाष अग्रवाला ने कहा कि देश में डिजिटल भुगतान को अपनाने और स्वीकार करने में लेन-देन शुल्क का वित्तीय बोझ डिजिटल पेमेंट को अपनाने में एक बहुत बड़ी बाधा है इस दृष्टि से सरकार ट्रांसक्शन शुल्क को सब्सिडी के माध्यम से सीधे बैंकों को दे दे तो देश में डिजिटल पेमेंट अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगा ! दूसरी तरफ यह अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने में बड़ा सहायक होगा जिससे सरकार को आय कर एवं अन्य करों में भी बड़ी वृद्धि होगी ! उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एक महीने में तीन बार से अधिक एटीएम के उपयोग से अधिक इस्तेमाल करने पर एटीएम से नकद राशि निकालने पर एक सामान्य शुल्क लगाया जा सकता है ! सभी प्रकार के डेबिट और क्रेडिट कार्ड, पीओएस टर्मिनल, एम-पी ओ एस, मोबाइल वॉलेट, मोबाइल एप्लिकेशन, क्यूआर कोड, यूपीआई और आधार सक्षम एप्लिकेशन सहित डिजिटल भुगतान के अन्य सभी तरीकों को प्रोत्साहन योजनाओं के दायरे में लाया जाना चाहिए।

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों को भी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पीओएस टर्मिनलों को सब्सिडी देने की योजना को प्रोत्साहित करके व्हाइट लेबल पीओएस टर्मिनल स्थापित करने के लिए डिजिटल भुगतान के परिदृश्य में लाया जाना चाहिए !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा कि सरकार ने अगस्त, 2015 में एक प्रोत्साहन प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है जिसमें कुछ कर लाभ और बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले लेन-देन की लागत में छूट के प्रस्ताव शामिल थे ! उन्होंने सरकार से उक्त प्रस्तावों को लागू करने का आग्रह करते हुए कहा कि डिजिटल भुगतान के माध्यम से व्यापार लेनदेन में भुगतान स्वीकार करने वाले दुकानदारों को प्रोत्साहन प्रदान करने के प्रस्ताव से व्यापारियों को ई-भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?