कोलकाता, 22 अगस्त । राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय में कुलाधिपति होने के नाते राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद घोष की ओर से अंतिम कुलपति नियुक्ति को लेकर विवाद मचा है। इस बीच उन्होंने रायगंज विश्वविद्यालय में भी अंतरिम कुलपति की नियुक्ति कर दी है। रायगंज विश्वविद्यालय के नए अंतरिम कुलपति रायगंज विश्वविद्यालय के बांग्ला विभाग के प्रोफेसर दीपककुमार रॉय बनाए गए हैं। इस संबंध में राजभवन की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अधिसूचना के मुताबिक उन्हें वित्तीय मद से वे सभी सुविधाएं मिलेंगी जो एक कुलपति को मिलती हैं।
राज्यपाल का आदेश मिलने के बाद प्रो दीपककुमार रॉय ने मंगलवार की सुबह रायगंज विश्वविद्यालय के अस्थायी कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया है। वह लंबे समय से इस विश्वविद्यालय के बांग्ला विभाग में पढ़ा रहे हैं। काफी समय तक उन्होंने कला विभाग के डीन के रूप में जिम्मेदारी संभाली है। विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, रायगंज विश्वविद्यालय काफी समय से कुलपति विहीन है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को प्रोफेसर दीपककुमार से फोन पर बात की थी।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य शिक्षा विभाग आपत्ति जताता रहा है। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु का कहना है कि राज्यपाल शिक्षा विभाग से मशविरा किए बगैर एक तरफा तरीके से अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति कर रहे हैं। इन फैसलों के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा चुकी है। हालांकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने पहले के एक आदेश में कहा है कि विश्वविद्यालयों के अभिभावक कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल ही हैं और उनका फैसला मान्य होगा।