कोलकाता, 10 जुलाई । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी, बीएसएफ के महानिरीक्षक को आठ जुलाई को विभिन्न बूथों पर हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
अदालत ने राज्य सरकार को चुनावी हिंसा में मारे गए लोगों के दाह संस्कार और घायलों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रिश्तेदारों को सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है। बुधवार को मामले की अगली सुनवाई होगी।
अदालत ने कहा कि रिपोर्ट महत्वपूर्ण होगी क्योंकि याचिकाकर्ता और अन्य हस्तक्षेपकर्ताओं ने विभिन्न बूथों पर बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है।
याचिकाकर्ता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा आदेशित 61 हजार से अधिक बूथों में से 696 बूथों पर पुनर्मतदान सही संख्या को प्रतिबिंबित नहीं करता है। उन्होंने दावा था कि कम से कम 50 हजार बूथों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया जाना चाहिए।
व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष उपस्थित होकर, याचिकाकर्ता और बरहामपुर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मौतों की एक केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की प्रार्थना की है।
जांच की निगरानी अदालत के मौजूदा न्यायाधीश से कराने का अनुरोध करते हुए चौधरी ने यह भी प्रार्थना की कि मृतकों और घायलों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने मतगणना केंद्रों के अंदर और बाहर पर्याप्त केंद्रीय बलों की तैनाती का भी अनुरोध किया।
