कोलकाता, 2 मई । डीएलएड की परीक्षा देने के लिए इंतजार कर रहे हजारों छात्रों को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को राहत दी है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनं और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि प्राथमिक शिक्षा परिषद को डीएलएड की पहली वर्ष की परीक्षा की प्रक्रिया शुरू करने की छूट है। हालांकि कोर्ट ने यह भी शर्त लगाया है कि जिन छात्रों ने नेशनल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट के नियमों को मानकर नियमित तौर पर क्लास किया है केवल वे परीक्षा में बैठ सकेंगे। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा परिषद जब चाहे शुरू कर सकता है। परीक्षार्थियों की ओर से जो दस्तावेज जमा किए जाएंगे उसे जांचने के लिए एक महीने की समय सीमा रहेगी।
दरअसल आरोप लग रहे थे कि डीएलएड में चुनिंदा छात्रों को ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा रही है जिसके बाद हाईकोर्ट में याचिका लग गई थी। कोर्ट ने पूरी परीक्षा प्रक्रिया को ही रोक दी था जिसे अब शुरू करने का आदेश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) देने के लिए डीएलएड प्रशिक्षित होना जरूरी है। पिछले दो सालों से इस परीक्षा पर रोक की वजह से परीक्षार्थी समस्या में पड़े हुए थे।
