निस्वार्थ सेवा ही सात्विक सेवा ; महावीर बजाज

कोलकाता । ‘ निस्वार्थ सेवा ही सात्विक सेवा है। सेवा मन की तड़प से उत्पन्न होती है और व्यक्ति उसके अनुरूप स्वयं को तैयार करता है। अहंकार, प्रसिद्धि एवं बड़बोलापन से की गई सेवा निकृष्ट सेवा कहलाती है।’–ये उद्गार हैं विशिष्ट समाजसेवी एवं कुमारसभा पुस्तकालय के अध्यक्ष श्री महावीर बजाज के, जो भंवरलाल मल्लावत सेवा केन्द्र के 24वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
सर्वप्रथम डॉ सुरेश गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर सेवा केन्द्र की गतिविधियों पर प्रकाश डाला एवं एक्यूप्रेशर चिकित्सा की महत्ता बताई। उन्होंने बताया कि सेवा केन्द्र द्वारा चिकित्सा शिविर एवं प्रशिक्षण शिविर भी लगाये जाते हैं।
सेवा केन्द्र के मार्गदर्शक श्री रामगोपाल सूंघा ने कर्मयोगी भंवरलाल मल्लावत जी के अवदानों का स्मरण करते हुए उनके सेवा भाव को रेखांकित किया। सर्वश्री संजय रस्तोगी, डॉ रश्मि काजड़िया एवं डॉ गीता सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उपस्थित अनेक रोगियों ने अपने उपचार संबंधित संस्मरण सुनाए। धन्यवाद ज्ञापन किया समाजसेवी श्री अरुण प्रकाश मल्लावत ने ।सर्वश्री डॉ प्रभात सिंह, डॉ प्रदीप अग्रवाल, राजकुमार भाला,महेश केडिया, मांगीलाल मित्तल, डॉ सरिता जयसवाल, डॉ लिपीका लूणिया, सत्यनारायण मोरीजावाला, ठाकुर दासी देवी, राजू लाठ,आंजनेय शर्मा, शिव सिंह,बस़त यादव,विमल बाहेती, गोविंद जैथलिया सहित अनेक गणमान्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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