कोलकाता, 20 मार्च। राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नए सिरे से प्राथमिकी दर्ज की है। वर्ष 2020 की शुरुआत में पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी और अब एक और प्राथमिकी दर्ज हुई है। दरअसल राज्य में 16 हजार 500 लोगों को अवैध तरीके से शिक्षक के तौर पर नियुक्त करने के आरोप लगे हैं। इसी संबंध में प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें धोखाधड़ी एवं फर्जीवाड़ा के साथ ही साजिश रचने की धाराएं लगाई गई हैं। वर्ष 2020 में कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गांगुली के आदेश पर पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस सिलसिले में जांच के दौरान पता चला कि एस रॉय नाम की एक कंपनी को नियुक्ति से संबंधित ओएमआर सीट उपलब्ध करवाए गए थे। इसी संबंध में 18 मार्च को सीबीआई ने नए सिरे से प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें प्राइवेट कंपनी के साथ ही प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पदाधिकारियों के संबंध में जांच की जाएगी जिन्होंने सारे दस्तावेज उपलब्ध करवाए थे।
उल्लेखनीय है कि नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी, प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य के साथ ही कुंतल घोष, शांतनु बनर्जी जैसे कई प्रभावशाली लोग इस मामले में पहले से ही गिरफ्तार हैं। सोमवार तड़के बालागढ़ के तृणमूल नेता शांतनु बनर्जी के करीबी अयन सील को भी गिरफ्तार किया गया है। उसके घर से कई सारे ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिसमें न केवल शिक्षक नियुक्ति बल्कि कोलकाता नगर निगम में भी अवैध नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। अब नई प्राथमिकी के साथ ही इन तमाम पहलुओं को जोड़ कर जांच शुरू की गई है।