कोलकाता, 2 मार्च । कोलकाता का धर्मतल्ला में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर हमले के आरोप में गिरफ्तार इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी को गिरफ्तारी के 40 दिनों बाद आखिरकार कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। गुरुवार को न्यायमूर्ति देवांग्शु बसाक ने उन्हें जमानत दी है। जनवरी महीने की 21 तारीख को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर वह अपने समर्थकों के साथ धर्मतल्ला में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे जहां पुलिस से हाथापाई और बाद में पथराव के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके साथ उनकी पार्टी के 53 कार्यकर्ता भी धीरे-धीरे पकड़े गए थे जो लगातार जेल में बंद थे। निचली अदालतों में जमानत लगातार खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। बुधवार को कोर्ट ने सुनवाई के समय राज्य सरकार से इनकी गिरफ्तारी के संबंध में पुख्ता साक्ष्य के देने को कहा था जो सरकार की ओर से नहीं दिया जा सका। इसके बाद गुरुवार को नौशाद सहित उनके 53 समर्थकों को भी जमानत मिल गई। अपनी गिरफ्तारी के बाद हमेशा कोर्ट में पेशी के समय नौशाद ने आरोप लगाया था कि राज्य प्रशासन सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक अंग के तौर पर विपक्ष की आवाज दबाने के लिए फर्जी मामले बनाकर लोगों को फंसा रहा है।