रानीगंज (संवाददाता):रानीगंज की गृह वधू सुलक्ष्णा ओझा हिंदी विषय पर विद्यानिवास मिश्र का निबंध साहित्य और मानव मूल्य टॉपिक पर रिसर्च किया एवं डॉक्टरेट की उपाधि बर्दवान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के हाथों प्राप्त हुई। शनिवार को सुरक्षा संस्था की तरफ से सुलक्ष्णा देवी का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रानीगंज गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार बलजीत सिंह बग्गा ने कहा कि काफी गर्व की बात है सुलक्ष्णा देवी ने अपने ससुराल में सभी सदस्यों के सहयोग से आगे की पढ़ाई निरंतर जारी रखी एवं सफलता की ओर बढ़ती गई डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करके उन्होंने कोयलांचल वासियों का मान बढ़ाया है। संस्था की तरफ से सुलक्ष्णा देवी को पुष्प एवं प्रमाण पत्र देकर उनका सम्मान किया गया। सुलक्ष्णा देवी ने बताया कि 38 वां दीक्षांत समारोह में बर्दवान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर निमाई चंद्र साहा के कर कमलों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि बीते दिनों प्राप्त हुई। सुरक्षा की तरफ से सम्मानित होते हुए बहुत अच्छा लग रहा है उन्होंने बताया कि शादी के पश्चात पति के सहयोग एवं ससुराल वाले के सहयोग से आगे की पढ़ाई करने का अवसर मिला गाइड के रूप में कलकत्ता विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ दामोदर मिश्र एवं सहयोगी के रुप में बर्दवान विश्वविद्यालय के डॉक्टर नीरज शर्मा के सहयोग से उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। सुलक्ष्णा क पति संजय इंजीनियर है एवं मुंबई के टाटा कंपनी में अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि उसकी पत्नी की मेहनत एवं लगन से उनकी पत्नी की सफलता हुई है एवं इतना ही नहीं मुंबई विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में उनकी नौकरी का नियुक्ति पत्र भी आ गया है। संस्था के अध्यक्ष दलजीत सिंह वाधवा ने कहां की विभिन्न परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों को हम लोग निरंतर सम्मानित करते रहते हैं ताकि उनका मनोबल और भी बढ़े एवं जो विद्यार्थी विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनका हौसला भी बढ़े। सुलक्षणा देवी के ससुर राजबलम ओझा ने कहा कि आज उन्हें बहुत खुशी हुई है उनकी बहू ने शिक्षा के क्षेत्र में एक मुकाम बनाया है एवं अब वे विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा तत्पर रहेगी।