“सुर ताल संगम सुप्रतिष्ठित परिवार है समाज के बेहतरीन कलाकारों और साहित्यकारों का” – डॉ जया श्रीवास्तव*

सांस्कृतिक महोत्सवों और आयोजनों की गढ़ कही जाने वाली उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विभिन्न संगीत कार्यक्रमों का भव्य आयोजन अनवरत जारी है। जिसमें देश भर से आमंत्रित कलाकार अपनी बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी श्रृंखला में सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था सुर ताल संगम के शीर्ष कलाकारों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले स्टार सिंगर अविजित श्रीवास्तव और बाराबंकी निवासी नवोदित गायिका ऐमन जावेद फारुकी ने कई प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी गायकी का उत्कृष्ट प्रदर्शन करके अव्वल श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराकर अपने परिवार और सुर ताल संगम संस्था का मान बढ़ाया। पंडित भीमसेन जोशी के भजन बाजे मुरलिया बाजे , स्वर्गीय पद्मश्री डॉ योगेश प्रवीण की उम्दा ग़ज़ल दिल जिसकी इक नज़र के लिए बेकरार है सहित लता मंगेशकर के यादगार गीत नाम गुम जाएगा और लागा चुनरी में दाग़ जैसी श्रेष्ठ रचनाओं को बखूबी मंच पर प्रस्तुत करके भूरि भूरि प्रशंसा के पात्र बनने वाले बेहद संजीदा कलाकार अविजित एनटीपीसी में सेवारत अभियंता अजय श्रीवास्तव और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लब्धप्रतिष्ठित संगीतज्ञा डॉ जया श्रीवास्तव के सुपुत्र हैं जो कि वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान बाइजूस़ फ्यूचर स्कूल के अंतर्गत संगीत का कुशल प्रशिक्षण भी देश विदेश के संगीत शिक्षार्थियों को प्रदान कर रहे हैं। ज्ञातव्य है कि लोकप्रिय गायिका ऐमन सुर ताल संगम संस्था की आफीशियल सिंगर के पद पर नियुक्त की गई है।
इन दोनों होनहार कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों और उपलब्धियों के लिए संस्था के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

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