
कोलकाता, 19 दिसंबर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार रात को शहर के एलन पार्क में कोलकाता क्रिसमस महोत्सव के 15वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने लोगों से साथ रहने, इंसानियत बनाए रखने और खुशहाल समाज के निर्माण का आह्वान किया। मुख्यमंत्री का संदेश सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए था।
उत्सव के रंग-बिरंगे माहौल और रोशनी के बीच बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि सभी लोग खुश रहें और परिवार के साथ प्रेम और सौहार्द के साथ जीवन बिताएं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी खुले आसमान और खुले वातावरण में पूरे प्यार के साथ आगे बढ़े, यही उनकी कामना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में क्रिसमस को लेकर उत्साह का माहौल है और सभी जिलों को खूबसूरती से सजाया गया है। उन्होंने कहा कि इस खुशी के माहौल को देखकर उन्हें बेहद प्रसन्नता हो रही है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग बंगाल को बदनाम करने की कोशिश करते रहते हैं। उन्होंने साफ कहा कि बंगाल की असली ताकत आपसी सौहार्द और मिलजुलकर उत्सव मनाने की परंपरा में है।
बंगाल की सांस्कृतिक परंपरा का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यहां मेले से लेकर खेल तक हर उत्सव को लोग मिलकर मनाते हैं। त्योहार लोगों को जोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि तनाव और भागदौड़ से भरे जीवन में ऐसे आयोजन लोगों को सुकून और खुशी देते हैं और उनकी सरकार चाहती है कि लोग खुशहाल जीवन जिएं।
कोलकाता क्रिसमस महोत्सव हर साल बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है। पार्क स्ट्रीट और आसपास के इलाकों में लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। मुख्य महोत्सव 30 दिसंबर तक चलेगा, जबकि सजावट और खानपान के स्टॉल पांच जनवरी 2026 तक बने रहेंगे।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत संदेश में बताया कि उद्घाटन समारोह में वरिष्ठ चर्च प्रतिनिधि, राज्य सरकार के मंत्री, अधिकारी और कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान शामिल हैं। उन्होंने सभी को और दुनिया भर के लोगों को त्योहार की शुभकामनाएं दीं।
ममता बनर्जी ने कहा कि 14 साल पहले पार्क स्ट्रीट से शुरू हुआ यह समावेशी उत्सव अब पूरे बंगाल में फैल चुका है। इस साल उन्होंने राज्य के 14 अलग-अलग स्थानों पर वर्चुअल माध्यम से क्रिसमस समारोह का उद्घाटन किया, ताकि उत्सव शहरों से निकलकर आम लोगों तक पहुंचे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलन और पवित्र क्रिब के आशीर्वाद में भी भाग लिया, जो शांति, करुणा और उम्मीद के प्रतीक माने जाते हैं। इसी अवसर पर उन्होंने दार्जिलिंग के सेंट एंड्रयूज चर्च के संरक्षण कार्य के पूरा होने का भी उद्घाटन किया। लगभग 1.55 करोड़ रुपये की लागत से किए गए इस काम में चर्च की मूल संरचना को सुरक्षित रखते हुए सुरक्षा और सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर इस दिन का चयन किया, क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के साथ पड़ता है। उन्होंने कहा कि बंगाल की पहचान एकता, इंसानियत, भाईचारे और प्रेम से है और यहां हर जाति, धर्म और समुदाय का सम्मान किया जाता है।
धार्मिक आधार पर समाज को बांटने की कोशिशों को खारिज करते हुए ममता बनर्जी ने दोहराया कि धर्म व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन त्योहार सभी के होते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि बंगाल की समावेशी संस्कृति आने वाले समय में राज्य को विदेशी पर्यटकों की संख्या के मामले में शीर्ष पर ले जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल एकजुट होकर उत्सव मनाता रहेगा, आगे बढ़ता रहेगा और प्रगति करता रहेगा। एलन पार्क में जगमगाती रोशनियों के बीच यह संदेश पूरे माहौल में गूंजता रहा।
