कोलकाता, 22 अगस्त । पश्चिम बंगाल में आशाकर्मी अपनी लंबित मांगों को लेकर शुक्रवार को सड़क पर उतर आईं। उनकी ‘कालीघाट चलो’ रैली को पुलिस ने रासबिहारी मोड़ के पास रोक दिया, जिसके कारण वहां भारी जाम लग गया और आम यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
शुक्रवार को आयोजित इस विरोध रैली में सैकड़ों आशाकर्मी शामिल हुईं। उनकी मुख्य मांग है कि उन्हें भी सरकारी कर्मचारियों के समान सम्मान और सुविधाएं दी जाएं। इसके साथ ही उन्होंने वेतन वृद्धि, बीमारी की स्थिति में मेडिक्लेम सुविधा और पीएफ जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ और मातृत्व अवकाश लागू करने की मांग की।
आशाकर्मियों के जुलूस के चलते हाज़रा से रासबिहारी तक की सड़क पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। बारिश के कारण पहले ही यातायात की रफ्तार धीमी थी, ऊपर से रैली के कारण यात्रियों को गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सतर्कता बरती। कई रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।
उल्लेखनीय है कि आशाकर्मियों को लेकर पहले भी केंद्र सरकार पर अनुदान की कमी का आरोप लगाया गया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे को उठाया था। इसी साल जनवरी में राज्य सरकार की ओर से आशाकर्मियों को उपहार देने की घोषणा हुई थी। राज्य बजट में 70 हजार आशाकर्मियों को स्मार्टफोन देने और आशा व आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इसके बावजूद, वेतन वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर अब आशाकर्मी आंदोलनरत हैं।