कोलकाता, 21 अगस्त । इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी और उनके साथ गिरफ्तार किए गए कुल 84 समर्थकों को गुरुवार को बैंकशाल कोर्ट से जमानत मिल गई। बुधवार को पुलिस ने उन्हें जुलूस के दौरान पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सड़क जाम करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद नौशाद को जोड़ासांको थाने में रातभर रखा गया, जबकि अन्य कार्यकर्ताओं को सेंट्रल डिवीजन के विभिन्न थानों में भेजा गया था।
गुरुवार को जब सभी आरोपितों को अदालत में पेश किया गया, तो बाहर बड़ी संख्या में आईएसएफ समर्थक जमा होकर रिहाई की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। अदालत में नौशाद सिद्दीकी और अन्य की ओर से पैरवी करते हुए वकील फिरदौस शमीम ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में कई सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, वकील और यहां तक कि राज्य बिजली विभाग के इंजीनियर भी शामिल हैं। उन्होंने पुलिस पर हमले का आरोप लगाते हुए कहा कि कई कार्यकर्ताओं के कपड़े फाड़े गए और बर्बरतापूर्वक कार्रवाई की गई।
अदालत ने पहले सभी को 500 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी, लेकिन बाद में इस शर्त को माफ कर दिया गया। रिहाई की खबर मिलते ही अदालत परिसर के बाहर समर्थकों ने जश्न मनाया। उनका कहना था कि कोर्ट ने “पुलिस षड्यंत्र को विफल” कर दिया। कुछ समर्थकों ने आरोप लगाया कि नौशाद को जान से मारने की साजिश रची गई थी, हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूरा पुलिस प्रशासन दोषी नहीं है, बल्कि कुछ ही अधिकारियों ने गुंडागर्दी की।
फिलहाल आईएसएफ समर्थकों ने शांतिपूर्ण तरीके से अदालत परिसर के बाहर धरना देने का निर्णय लिया है। संगठन की ओर से कहा गया कि आगे की रणनीति और आंदोलन का अगला चरण जल्द घोषित किया जाएगा।