
कोलकाता । लीवर फाऊंडेशन, पश्चिम बंगाल और गुरुद्वारा संत कुटिया के संयुक्त प्रयास से गुरु तेग बहादुर के 350 वें शहादत दिवस को समर्पित गुरु तेग बहादुर अस्पताल की शुरुआत की गई, जिसमें प्रधान अतिथि के तौर पर उपस्थित थे रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ के सहसचिव स्वामी बौद्धसरणानंद और विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित थे वेल्लोर क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के संयुक्त निदेशक प्रोफेसर उदय ज़कारिया। इस मौके पर खास मेहमान के तौर पर दुबई से पधारे थे सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय।
लिवर फाऊंडेशन के सचिव पार्थ सारथी मुखर्जी ने वक्तव्य देते हुए बताया कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर इस तरह का उपक्रम निश्चित ही नगर के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने में अपनी सार्थक भूमिका निभायेगा। उन्होंने आगे कहा कि 2016 में स्थापित ये फाउंडेशन लगातार खासतौर से लीवर से संबंधित बीमारियों के इलाज में अपना एक खास मुकाम हासिल कर चुका है।
गुरुद्वारा संत कुटिया के सचिव सरदार अवतार सिंह रामूवालिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि सरकारी अस्पताल में इतनी ज्यादा भीड़ और इलाज की गुणवत्ता पर संशय बरकरार रहता है, वहीं प्राइवेट अस्पतालों का मुख्य लक्ष्य व्यवसाय करना होता है और वो इतना महंगा हो चुका है जो मध्यम वर्ग की पहुंच से भी बाहर है। ऐसे में गुरु तेग बहादुर अस्पताल बहुत ही कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाला इलाज मुहैया करवाने को वचनबद्ध है।
सरबत दा भला ट्रस्ट के दुबई से पधारे डॉ एसपी सिंह ओबेरॉय ने घोषणा की कि वे बंगाल में कई पैथोलॉजी लैब स्थापित करवाएंगे जिनकी गुणवत्ता उच्च स्तर की होगी लेकिन उसके रेट बाजार मूल्य से महज 10 से 15% होंगे।उन्होंने अपनी ओर से 10 लाख रुपए के अनुदान की भी घोषणा की।
इस मौके पर अतिथियों के साथ अन्य वक्ताओं में शामिल रहे- डॉ. ए कोनार, डॉ. एम एन राय, डॉ. कल्याण बोस, गुरमीत सिंह गरेवाल, अभिजीत चौधरी तथा अन्य।
आखिर में अस्पताल के वार्डों तथा अन्य व्यवस्थाओं का विशिष्ट लोगों ने निरीक्षण किया और अपना हर संभव सहयोग देने का वादा भी किया।
