ईसीएल, बर्नपुर-आसनसोल नराकास एवं केएनयू के संयुक्त तत्त्वावधान में आसनसोल में द्वितीय राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन संपन्न

आसनसोल । कोल इंडिया लिमिटेड के 50वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर उसकी अनुषंगी कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल), बर्नपुर-आसनसोल नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) तथा काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू), आसनसोल के सहयोग से कोयला उत्खनन क्षेत्र में हिंदी भाषा के सतत संवर्धन के लिए शुक्रवार द्वितीय राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन, 2024 का आयोजन आसनसोल स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के श्री रामकृष्ण ऑडोटोरियम में सुचारू रूप से सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। सम्मेलन का विषय “साहित्य और लोकभाषा” था। इसके उप विषय क्रमशः हिन्दी और बांग्ला साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन (संदर्भ लोकभाषा), हिन्दी साहित्य में हिन्दी की लोकभाषाएँ, हिन्दी की लोकभाषाएँ और उसका साहित्य, जनजातीय भाषाओं का साहित्य, अवधी का साहित्य, ब्रज का साहित्य, मैथिली का साहित्य, छत्तीसगढ़ी एवं बघेली का साहित्य तथा भोजपुरी और उसका साहित्य था। मुख्य अतिथि के रूप में बर्नपुर-आसनसोल नराकास के अध्यक्ष एवं सेल के इस्को इस्पात संयंत्र एवं दुर्गापुर के निदेशक प्रभारी बृजेन्द्र प्रताप सिंह, ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एवं भारत कोकिंग कोल लिमिटेड अध्यक्ष-सह -प्रबंध निदेशक समीरन दत्ता, ईसीएल निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) मो. अंज़ार आलम एवं निदेशक (तकनीकी) संचालन नीलाद्रि रॉय की गरिमामयी उपस्थिति रही। सम्मेलन को रामकृष्ण मिशन आश्रम, आसनसोल के संपादक स्वामी सोमात्मानन्द जी महाराज का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। सम्मेलन की शोभा बढ़ाने के लिए वक्ता के रूप में AISECT Group of Universities / विश्वरंग के संस्थापक संतोष चौबे, वरिष्ठ आलोचक एवं जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविभूषण, वरिष्ठ साहित्यकार एवं आईएएस रणेन्द्र, बाबा साहेब अम्बेडकर एजुकेशन यूनिवर्सिटी, कोलकाता के कुलपति प्रो. सोमा बंद्धोपाध्याय, हिंदी विश्वविद्यालय, हावड़ा के कुलपति प्रो. (डॉ.) विजय कुमार भारती, काज़ी नज़रुल विश्वविद्यालय, आसनसोल के संकायाध्यक्ष (डीन) प्रो. (डॉ.) सजल कुमार भट्टाचार्य, विधान चंद्र (बी.सी.) कॉलेज, आसनसोल के डॉ. विजय नारायण, बनवारीलाल भलोटिया (बी. बी.) कॉलेज, आसनसोल के डॉ. विजय प्रसाद, आसनसोल गर्ल्स कॉलेज, आसनसोल के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. विजेन्द्र कुमार का आगमन हुआ था। सम्मेलन में पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्द्धमान जिले में अवस्थित काज़ी नज़रूल विश्वविद्यालय, बिधान चंद्र (बी. सी.) कॉलेज, बनवारीलाल भलोटिया (बी. बी.) कॉलेज, आसनसोल गर्ल्स कॉलेज, कुल्टी कॉलेज, रानीगंज गर्ल्स कॉलेज, टीडीबी कॉलेज (रानीगंज), देशबन्धु महाविद्यालय (चित्तरंजन), माइकल मधुसूदन कॉलेज (दुर्गापुर) एवं अन्य कॉलेज / विद्यालय के प्रोफेसरों, प्रधानाचार्यों, अध्यापकों, विद्यार्थियों तथा बर्नपुर-आसनसोल नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सभी सदस्य यथा इस्को इस्पात संयंत्र, भारतीय रेल, बैंक आदि के साथ-साथ ईसीएल कर्मियों की सक्रिय सहभागिता रहीं। साथ ही, प्रतिष्ठित व प्रबुद्ध जनों की गरिमामयी उपस्थिति से सम्मेलन की सार्थकता सिद्ध हुई। यह सम्मेलन कोल इंडिया लिमिटेड के 50वें स्थापना दिवस के अवसर पर ईसीएल की ओर से भव्य रीति से आयोजित किया गया। यह सम्मेलन जनमानस में हिंदी ज्ञानवर्धन की परंपरा का बीजारोपण का कार्य किया है जिससे आने वाले समय में कुशल एवं दक्ष राजभाषा अधिकारी, भाषाविद्, सुनामी लेखक, कवि, पत्रकार आदि जैसे वृत्तियों में अधिक-से-अधिक संख्या में विद्यार्थी अभिमुख होंगे। साथ ही, यह सम्मेलन ईसीएल के निगमित सामाजिक दायित्व (Corporate Social Responsibility: CSR) की परिकल्पना को पूर्णता प्रदान करने के लिए उत्तम कृत सिद्ध हुआ है। भारतीय संविधान के भाग 4 (क) मूल कर्तव्य के अनुच्छेद 51 (क) (च) के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह “हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे” तथा भाग-17 के अनुच्छेद 351 के अनुसार “संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके और उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप।किए बिना हिंदुस्थानी में और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप, शैली और पदों को आत्मसात करते हुए और जहां आवश्यक या वांछनीय हो वहां उसके शब्द-भंडार के लिए मुख्यतः संस्कृत से और गौणतः अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित करे।” सम्मेलन उद्घाटन, प्रथम तीन सत्रों क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता ईसीएल के निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) मो. अंज़ार आलम द्वारा किया गया। उद्घाटन वक्तव्य सोमा जी एवं बीज वक्तव्य संतोष चौबे जी द्वारा दिया गया। सुश्री अन्वेषा चक्रवर्ती द्वारा लोकगीत प्रस्तुत किया गया। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता बर्नपुर-आसनसोल नराकास के अध्यक्ष द्वारा किया गया। वहीं बीज वक्तव्य रविभूषण जी द्वारा किया गया। इस सत्र में संतोष चौबे जी एवं सोमा जी द्वारा काव्य पाठ किया गया। सम्मेलन में वक्ताओं ने “साहित्य और लोकभाषा” विषय पर बहुआयामी रूपों को प्रस्तुत कर श्रोताओं के मानस पटल पर एक छाप छोड़ने में सफल रहें। प्रथम सत्र में केएनयू की डॉ. प्रतिमा प्रसाद द्वारा स्वागत भाषण एवं ईसीएल के कंपनी सचिव श्री रामबाबू पाठक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया तथा द्वितीय सत्र में इस्को इस्पात संयंत्र के चंद्रानन्द पाठक द्वारा स्वागत भाषण एवं केएनयू के डॉ. एकता कुमारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। पूरे सम्मेलन का संचालन ईसीएल की सुश्री सुमेधा भारती द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया।

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