
रानीगंज । एक तरफ जब राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस प्रशासन को अवैध गतिविधियों और अपराधों पर नकेल कसने के लिए सख्त हिदायत दे रही है। इसी क्रम रानीगंज थाने की पुलिस को चोरी के एक मामले में कुछ दिनों के अंदर अपराधियों को पकड़ने और चोरी हुए सारे सामान और नगदी बरामद करने मे एक बड़ी कामयाबी मिली है। जिसको लेकर शुक्रवार को रानीगंज थाने में एक संवाददाता सम्मेलन किया गया।इस मौके पर रानीगंज थाना प्रभारी विकास दत्ता ने बताया कि 14 तारीख को रानीगंज के गिरजा पड़ा हलुद फैक्ट्री इलाके के रहने वाले दीपक सिंह ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके घर में चोरी हुई है। जिसमें लगभग रु. 40000 नगद और गहने चुराकर अपराधी फरार हो गए हैं। दीपक सिंह ने अपने रिपोर्ट में दर्ज कराया था कि उनके घर का सामने का गेट बंद था। लेकिन पीछे का गेट खुला हुआ था चोरों ने इसका फायदा उठाकर उनके घर में चोरी की इस घटना को अंजाम दिया। थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद और रानीगंज थाने की पुलिस हरकत में आ गई और उन्होंने मामले की जांच शुरू कि इस जांच में सबसे पहले पुलिस ने इस क्षेत्र में रहने वाले बादशाह खान को गिरफ्तार किया। इसके बाद बादशाह खान से पूछताछ की गई और अजय पासवान नामक दूसरे आरोपी को गिरफ्तार किया गया। अजय पासवान मूलतः कुल्टी के चिनाकुड़ी इलाके का रहने वाला है। लेकिन फिलहाल वह वहां से भाग कर आसनसोल के अशोक नगर में रहता था पुलिस द्वारा दोनों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से चोरी हुए रु.40000 नगद और सोने के खाने बरामद कर लिए गए। विकास दत्त ने बताया कि चोरी हुए गहनों में एक अंगूठी भी थी वह शादी की अंगूठी थी। उस अंगूठी पर दीपक सिंह का नाम लिखा हुआ था। बादशाह खान की पत्नी चोरी किए गए गहनो को लेकर गहनों की दुकान गई थी और अंगूठी से दीपक नाम हटाकर अपने और बादशाह के बेटे अब्बास का नाम खुदवान के लिए कहा था। इस पर मामले का पर्दाफाश हुआ और बादशाह और उसके बाद अजय पासवान पुलिस के गिरफ्त में आए। उन्होंने कहा कि कल दोनों आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया जाएगा और घटना का पुनर्निर्माण किया जाएगा क्योंकि पूछताछ में यह बात सामने आई है कि वह और भी कुछ घरों को अपना निशाना बनाने की सोच रहे थे। विकास अड़ता ने बताया कि इन दोनों का ही पिछला आपराधिक रिकॉर्ड है।
