
अलीपुरद्वार, 05 जून । इस साल अलीपुरद्वार लोकसभा केंद्र में ”नोटा” में पड़े वोट से महत्वपूर्ण हो गया है। पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस साल इस केंद्र पर ”नोटा” वोटों की संख्या अधिक है। वोट के मामले में भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों के बाद ”नोटा” चौथे स्थान पर रहा।
इस साल इस लोकसभा में ”नोटा” में 21 हजार 235 वोट पड़े है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 21 हजार 147 ”नोटा” में वोट पड़े थे। ”नोटा” में पड़े वोट को राजनीतिक दलों के नेता, जनप्रतिनिधि विशेष महत्व दे रहे हैं। अब यह सवाल उठ रहा है कि नोटा को इतना भारी वोट क्यों मिला। इस पर राजनीतिक दलों की अपनी अपनी राय है।
माकपा जिला महासचिव किशोर दास के अनुसार राजनीतिक दलों के प्रति एक निश्चित वर्ग के लोगों के अविश्वास के परिणामस्वरूप कई लोगों ने ”नोटा” को वोट दिया है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक हिस्सा है।
भाजपा के जिला महासचिव मिठू दास ने दावा किया कि भाजपा के नहीं, बल्कि तृणमूल के एक बड़े हिस्से का वोट ”नोटा” में पड़े हैं।
वहीं, अलीपुरद्वार विधायक सुमन कांजीलाल ने कहा कि नोटा में पड़े वोट चिंता का विषय है। जिस वजह से उन्होंने कहा कि ”नोटों में नहीं, हर किसी को राजनीतिक दलों पर भरोसा होना चाहिए।