इस बार का लोकसभा चुनाव गोडसे बनाम अंबेडकर के आदर्शों की लड़ाई-अधिवक्ता कैसर जमाल सिद्दीकी

 

रानीगंज। इन दिनों पूरे देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है दो चरणों का मतदान हो चुका है और पांच चरणों का मतदान अभी बाकी है हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है लेकिन लोकसभा का चुनाव कुछ ज्यादा ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यहां आम जनता को यह अधिकार मिलता है कि वह केंद्र सरकार का चुनाव कर सके यह तय कर सके कि अगले 5 सालों तक देश का प्रधानमंत्री कौन होगा ऐसे महत्वपूर्ण समय पर रानीगंज के वरिष्ठ अधिवक्ता कैसर जमाल सिद्दीकी पत्रकारों से रूबरू हुए उन्होंने कुछ बहुत महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव चल रहा है यह एक ऐसा चुनाव है जब देश की जनता अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र की सरकार चुनती है उन्होंने कहा कि आज देश की राजनीति दो हिस्सों में विभाजित हो चुकी है एक तरफ है गोडसे के आदर्शों पर चलने वाले लोगों की राजनीति और दूसरी है धर्मनिरपेक्ष और संविधान को मानने वाले बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के आदर्शों पर चलने वाले लोगों की राजनीति आज देश की जनता को चुनाव के माध्यम से मतदान से माध्यम से इन दो तरह के आदर्श में से किसी एक आदर्श को चुनना है उन्होंने कहा कि आज देश में नारे लगाए जा रहे हैं कि अबकी बार 400 पार। इसको समझने की जरूरत है कि आखिर 400 से ज्यादा सीट क्यों चाहिए दरअसल इस प्रचंड बहुमत की अपील इसलिए की जा रही है ताकि संविधान में दिए गए कई प्रावधानों को बदला जा सके संविधान संशोधन करके आरक्षण को खत्म किया जाए अल्पसंख्यकों को जो अधिकार दिए गए हैं उनको समाप्त किया जाए अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति महिलाओं के हक में संविधान में जो प्रावधान है उनको पूरी तरह से समाप्त करने की मंशा से ही 400 से ज्यादा सीट की मांग की जा रही है उन्होंने कहा कि अब देश की जनता को यह फैसला लेना है कि वह क्या करना चाहते हैं एक तरफ वह लोग हैं जो उन आदर्शों का अनुसरण करते हैं जो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं तो दूसरे तरफ वह लोग हैं जो राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं लोगों को इन दो आदर्शों के बीच चुनाव करना है लेकिन अंततोगत्वा उन हाथों को मजबूत करने की आवश्यकता है जिस संविधान की रक्षा हो सके और संविधान में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति महिलाओं अल्पसंख्यकों के हक में जो प्रावधान बनाए गए हैं उनकी रक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि चुनाव के बाद ही सीएए और एनआरसी लागू कर दिया जाए कैसर जमाल सिद्दीकी ने साफ कहा कि अगर‌ सीएए एनआरसी से बचाना है तो उन आदर्शों का समर्थन करने की आवश्यकता है जो बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को मानते हैं।

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