प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल को दी 7,200 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात

नई दिल्ली/हुगली, 01 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के हुगली के आरामबाग में 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के भारत के तीव्र विकास और 2047 तक भारत को विकसित बनाने के संकल्प का उल्लेख किया। उन्होंने युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों के सशक्तीकरण की प्राथमिकताओं को दोहराया। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा गरीबों के कल्याण के लिए प्रयास किया है और इसके परिणाम अब दुनिया के सामने हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर आना सरकार की दिशा, नीतियों और निर्णयों की शुद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इन सबका मुख्य कारण सही इरादे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विकास के लिए 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है, जिसमें रेल, बंदरगाह, पेट्रोलियम और जल शक्ति के क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करते हुए रेल कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए झारग्राम-सलगाझारी को जोड़ने वाली तीसरी रेल लाइन का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में रेलवे को देश के बाकी हिस्सों की तरह ही आधुनिक बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सोंडालिया-चंपापुकुर और दानकुनी-भट्टनगर-बाल्टिकुरी रेल लाइनों के दोहरीकरण के बारे में भी बात की।

मोदी ने हल्दिया बरौनी क्रूड पाइपलाइन का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया कि पर्यावरण के साथ सामंजस्य बिठाकर कैसे विकास किया जा सकता है। कच्चे तेल को चार राज्यों- बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से होते हुए पाइपलाइन के जरिए तीन रिफाइनरियों तक पहुंचाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बचत और पर्यावरण संरक्षण होता है। उन्होंने कहा कि एलपीजी बॉटलिंग प्लांट से 7 राज्यों को लाभ होगा और क्षेत्र में एलपीजी की मांग को पूरा किया जाएगा। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से कई जिलों के लाखों लोगों को भी फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि किसी राज्य में एक बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू होने से रोजगार के कई रास्ते खुलते हैं। पश्चिम बंगाल में रेलवे के विकास के लिए इस वर्ष के बजट में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है, जो 2014 से पूर्व की तुलना में तीन गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार रेल लाइनों के विद्युतीकरण, यात्री सुविधाओं के उन्नयन और रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास को प्राथमिकता देती है।

 

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