कोलकाता ; साल्टलेक में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के अंतर्गत आज श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का मनोहरी मार्मिक प्रसंग सुनाते वृंदावन से पधारे विश्व विख्यात भागवत प्रभाकर आचार्य मारुति नंदन वागीश जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के घर जाकर माखन की चोरी करते हुए गोपियों के अनंत जन्मों के पापों को चुरा लिया .
श्री कृष्ण की प्रत्येक बाल लीला का कोई ना कोई रहस्य है काली दह लीला करते श्री कृष्ण ने यमुना जी के विषाक्त जल का शोधन किया,
मिट्टी खाकर पृथ्वी तत्व का शोधन किया ,
पूज्य वागीश जी महाराज ने कहा भारत वासियों को पाश्चात्य संस्कृति की नकल नहीं करनी चाहिए ,हमारी भारतीय संस्कृति विश्व पटल पर सर्वोपरि महान संस्कृति है हम अपने वैदिक सनातन धर्म के मार्ग पर चलें जिसका परिणाम अनेक प्रकार के तनावों से मुक्त होते मानसिक शांति का अनुभव करेंगे।
पूज्य वागीश जी महाराज ने कहा भागवत की कथा एक आध्यात्मिक चिकित्सा है जो शोक, मोह और भय आदि रोगों को दूर करती है, भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन की पूजा कर एक संदेश दिया हमें पर्वतों का खनन नहीं करना चाहिए वृक्षों को काटना नहीं चाहिए गौ माता का संवर्धन और संरक्षण करना चाहिए,
इस उत्सव पर श्री गिरिराज जी को 56 भोग लगाए गए गए हुए भजनों पर श्रद्धालु भक्त बेसुध होकर नाचते हुए भक्ति रस में डूब गए कथा रसपान के लिए भीड़ उमड़ रही है कथा के आयोजन रमेश पोद्दार महेश पोद्दार राजकुमार पोद्दार आनंद आकाश एवं रोहित पोद्दार ने गिरिराज जी का दूध से अभिषेक पूजन अर्चन किया ,
वृंदावन से आए युवराज श्रीधराचार्य ने आगंतुक सभी भक्तों को वर्तमान समय में मानव मात्र के कर्तव्य एवं मानवता का मूल मंत्र क्या है इस पर एक संदेश दिया.