जस्टिस अमृता सिन्हा के पति का गंभीर आरोप, पत्नी के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बना रही सीआईडी

 

कोलकाता, 20 दिसंबर । कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा के पति, वरिष्ठ वकील प्रताप चंद्र डे ने शहर की एक अदालत के बार एसोसिएशन में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य पुलिस का आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) उन पर उनकी पत्नी के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डाल रहा है। कोलकाता मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के बार एसोसिएशन को दी गई अपनी शिकायत में डे ने सीआईडी अधिकारियों पर उन्हें एक मामले में गवाह के रूप में बुलाने और उसके बाद उनकी पत्नी के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया। स्कूल में नौकरी के लिए नकद का मामला जस्टिस सिन्हा की बेंच में लंबित है। एक कॉर्पोरेट इकाई के निदेशकों की संपत्ति से संबंधित एक मामला उनकी कोर्ट में चल रहा है। उस कंपनी का नाम स्कूल नौकरी मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच के दौरान सामने आया था। इस कंपनी के मालिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी हैं। जस्टिस सिंह ने उनकी संपत्ति का पूरा रिकॉर्ड निकालने का आदेश दिया है।
यह मामला बुधवार को सुनवाई के लिए निर्धारित है। डे ने दावा किया कि उन्हें सीआईडी अधिकारियों ने दो बार बुलाया था और आखिरी बार उन्हें नौ घंटे से अधिक समय तक सीआईडी कार्यालय में इंतजार कराया गया था। यह पता चला है कि डे ने अपना मोबाइल फोन जमा करने के सीआईडी के निर्देश का पालन नहीं किया और इसके बजाय राज्य एजेंसी को एक जवाबी पत्र दिया। बार एसोसिएशन के सूत्रों ने कहा कि डे ने अपनी शिकायत में यह भी दावा किया है कि उन पर अपनी पत्नी के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डालने के अलावा उन्हें लुभावने वादों से फंसाने की भी कोशिश की गई। हालांकि सीआईडी अधिकारियों ने दावा किया है कि जिस मामले में डे को बुलाया गया था और पूछताछ की गई थी, उसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उनके अधिकारियों द्वारा की जा रही थी। एजेंसी के अधिकारियों ने दावा किया है कि हालांकि डे से निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्होंने जांच प्रक्रिया में सहयोग नहीं किया।

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