कोलकाता। सुप्रसिद्ध समाजसेवी , वरिष्ठ आयकर सलाहकार, राजस्थान परिषद के अध्यक्ष, शिक्षाप्रेमी, उदारदानदाता अौर बहुआयमी व्यक्तित्व के धनी शार्दुल सिंह जैन (भूतोड़िया) का सोमवार की सुबह 5 बजे कोलकाता में देहावसान हो गया। लाडूनूं निवासी स्वर्गीय आसकरणजी भूतोड़िया के सुपुत्र 89 वर्ष शार्दुलसिंहजी जैन कोलकाता के सामाजिक अौर औद्योगिक क्षेत्र में एक कुशल संचालक व सक्रिय व्यक्तितत्व के रुप में जाने जाते थे। उन्होंने अपने कुशल कार्य शैली से कई औद्योगिक घरानों के साथ कई सामाजिक संस्थाअों को शिखर तक पहुंचाया था। अपने पीछे पुत्री प्रभा जैन, पुत्र पुत्र वधु राजेश रीना, पौत्र सिद्धांत, पौत्री दामाद शिखा -देवांश अग्रवाल , दौहित्र परीक्षित सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये शार्दुल सिंह जी जैन ने श्री सच्चियाय माता मंदिर (गुरुसदय रोड), लाडनूं नागरिक परिषद, अभिनव भारती स्कूल, अोसवाल नवयुवक समिति के ट्रस्टी होने के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल मेमोरियल समिति, बीबीडीबाग सेवा समिति जैसी अन्य सामाजिक संस्थाअों से पूरी सक्रियता के साथ जुड़े हुए थे।कोलकाता दक्षिण पश्चिम भाग के संघ संचालक के रुप में भी उन्होंने अपना दायित्व बखूबी निभाया। मिली जानकारी के अनुसार शार्दुलसिंहजी दो महीने पहली किसी काम से अपने गांव लाडनूं गये हुए थे। वहीं फिसल कर गिर जाने से चोट लगी तो पहले जयपुर अौर फिर कोलकाता ईलाज के लिए लाया गया। लम्बें समय तक चले ईलाज के बाद आज सुबह उनका निधन हो गया। सायं उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान मिडलटन रो से नंदोमल्लिक लेन स्थित अोसवाल भवन लाया गया जहां विभिन्न संस्थाअों के पदाधिकारियों ने उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी । राजस्थान परिषद के महामंत्री अरुण प्रकाश मल्लावत ने कहा कि अध्यक्ष शार्दुल सिंह जैन के निधन से हमने अपना एक सचेतक, मार्गदर्शक अौर कुशल नेतृत्वकर्ता खो दिया।उपाध्यक्ष भगीरथ चांडक , महावीर प्रसाद बजाज, बंशीधर शर्मा, सम्पत मान्धना, नंद कुमार लड्ढ़ा, राम गोपाल सूंघा, अनुराग नोपानी, भँवर लाल राठी के साथ लाडनूं नागरिक परिषद के राधेश्याम झंवर, विनोद कुचेरिया, राजेन्द्र भूतोड़िया, कमल सिंघी, धनराज खटेड़ , महेंद्र पाटनी, पन्नालाल सुराना, अशोक कोठारी, विजय सिंह सेठिया, विजय सिंह गोलछा, किरण सिंधी एवम समाज के अरुण कुमार लोहिया, जतन पारख , तरूण सेठिया, पत्रकार प्रकाश चंडालिया, सच्चिदानंद पारीक, शिव कुमार मोदी, मुलतान पारीक, सीताराम तिवाड़ी, गुड्डन सिंह सहित समाज के अन्य गणमान्य लोगों ने शार्दुलसिंह जैन के निधन को समाज के लिए एक अपूर्णनीय क्षति बताई।
