कोलकाता, 16 जून । पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव अधिकारी राजीव सिन्हा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य भर में नामांकन दाखिल करने के दौरान हुए हिंसा की घटनाओं में दलित महादलित जातियों के लोगों पर हमले और तीन हत्याओं को लेकर एससी एसटी आयोग ने एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर राज्य चुनाव आयोग एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट नहीं देता है तो मुख्य चुनाव अधिकारी राजीव सिन्हा को दिल्ली दफ्तर में पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा। आयोग को यह अधिकार है कि वह किसी भी अधिकारी को दिल्ली बुलाकर पूछताछ कर सकता है। अगर अधिकारी नहीं आते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर दिल्ली लाने का प्रावधान है। एससी एसटी आयोग के वाइस चेयरमैन अरुण हालदार ने कहा कि राज्य चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है। अगर सात दिनों के अंदर जवाब नहीं मिलेगा तो उन्हें दिल्ली बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा है कि पिछले डेढ़ महीने से पश्चिम बंगाल में दलित महादलित और आदिवासी समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। छह लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है जबकि कई अन्य के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं। पूरे राज्य में भय का माहौल है। जिस तरह से नामांकन के दौरान हिंसा हुई उसमें राज्य भर में दलित महादलित समुदाय के लोगों को मारा पीटा गया और मौत के घाट उतारा गया है। ऐसे में लोग चुनाव में हिस्सा लेने से डर रहे हैं। इसीलिए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है।
उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार से शुरू हुई नामांकन की प्रक्रिया के शुरुआत में ही मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई जो दलित समुदाय से थे। उसके बाद गुरुवार को नामांकन के आखिरी दिन उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा और दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में भी एक-एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की गई है। इन घटनाओं की वजह से राज्य भर में डर का माहौल है।