कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी के सचिवालय घेराव अभियान के दौरान भारी हिंसा पुलिस कर्मियों पर हमले और आगजनी को लेकर भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि पुलिसकर्मियों पर हमला अथवा पुलिस की गाड़ी में आगजनी की घटना में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें टोपी पहने हुए लोग पथराव और आगजनी कर रहे हैं पुलिस भी चाहती थी कि उनकी गाड़ी जला दी जाए ताकि आंदोलन से ध्यान भटकाया जा सके। यह सब कुछ सोची समझी राजनीति का हिस्सा है।
बुधवार दिलीप घोष ने कहा, “जहां कार में आग लगी, वहां पुलिस क्यों नहीं थी? कार में कोई ड्राइवर नहीं था। और अगर पुलिस ने देखा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने क्या किया, तो उसे क्यों नहीं रोका गया? गिरफ्तार क्यों नहीं किया?” उन्होंने दावा किया कि इस आगजनी से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।”
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तृणमूल का पलटवार
– तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, ‘भाजपा की गुंडागर्दी कल राज्य की जनता ने देखी। बेहतर होगा कि वे मुंह बंद रखें।”